स्ट्रेस
स्ट्रेस
स्ट्रेस तू जा जा रे, मुझे
न तू और सता रे।
नींद भी छीना तूने, चैन
भी छीना तूने।
अब तो बस कर रे, मुझे
अब बक्श दे रे॥
रहूँ मैं परेशान हर एक पल,
उलझन के चंगुलों में।
उपाय मिले ये गारंटी नहीं,
पर BP है मेरा ऊँचाइयों में
॥
ऐ स्ट्रेस तुझे क्या पता, कीमत,
तेरी दोस्ती निभाने में।
मुझे मिला डायबिटीज और अन्य बीमारियां फ़ोकट में ॥
स्ट्रेस तू जा जा रे,मुझे
और न तू सता रे।
कैसे अलग करूँ इस स्ट्रेस को,
मैं अपने आप से?
चिपका है इस तरह,
मेरी रूह मेरी आत्मा से ॥
सोते जागते दिमाग में,
इसी ने कर रखा एकमात्र घर है।
ब्यूटीशियंस
के अनुसार,
यही मेरी झुर्रियों का कारण है॥
न लो कोई स्ट्रेस व्रेस- यह बताया मुझे सब ने।
पर फार्मूला क्या है - ये ना बताया किसी ने॥
स्ट्रेस तू जा जा रे,मुझे
और न तू सता रे ।
किसी ने कहा योग करो, किसी
ने कहा मोह त्यागो ॥
और किसी ने कहा,
अपने आप को ढूंढो ।
सारा फार्मूला हुआ विफल,
इस अनोखे स्ट्रेस के आगे ।
ख़ुद को लाचार पाती हूँ मैं,
अपनी परेशानियों के आगे ॥
स्ट्रेस तू जा जा रे, मुझे
न तू और सता रे ।
ज़िन्दगी का मज़ा किया ख़राब इस स्ट्रेस ने ।
वैलेंटाइन्स डे में भी मुझे घेरा डेडलिनेस ने॥
इस तरह कैसे बिताउंगी मैं अपना जीवन।
जाने कैसे हो गया है,
मेरी सोच में परिवर्तन ॥
रंगीन और प्यारी चीज़ें भी न लुभा पाती मुझे।
जाने किस दिशा,
ये स्ट्रेस खींच ले जाए मुझे॥
धयान मेरा लगे, न
घर न ऑफिस के कामों में।
चंचल विचलित मन मेरा खोया रहता प्रेशर में॥
विनती है मेरी तुमसे,
ऐ! स्ट्रेस देवता
।
किसी और को तू बना अपना बकरा॥
स्ट्रेस तू जा जा रे, मुझे
न तू और सता रे॥
बहुत अछा मेडम ।
ReplyDeleteThanks !
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